Wednesday, 26 February 2025

शिवरात्रि में निशीथ काल क्या होता है?


निशीथ काल क्या होता है ?

शास्त्रों के अनुसार, निशित काल उस समय को कहा जाता है जब रात्रि अपने मध्य में होती है. निशित काल की अवधि एक घंटे से भी कम होती है. पंचांग के अनुसार इसे रात का आठवां मुहूर्त कहा जाता है जो कि ज्योतिषीय गणनाओं के बाद निर्धारित किया जाता है.

निशीथ काल क्यों होता है ?

महाशिवरात्रि के दिन निशित काल में पूजा करने का महत्व माना गया है. क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव पृथ्वी पर शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे, वह निशितकाल का ही समय था. यही कारण है कि भगवान शिव की विशेष पूजा के लिए निशितकाल को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. खासकर शिवलिंग पूजन के लिए निशितकाल अच्छा समय माना जाता है.

निशीथ काल कब होता है ?

 यह समय आधी रात या 12 बजे के करीब होता है. मान्यता है कि इस समय शिव की ऊर्जा ब्रह्मांड में सर्वव्यापी होती है. 


निशीथ काल के बारे में कुछ और बातें:

  • शास्त्रों के मुताबिक, यह समय अदृश्य शक्तियों और भूत-पिशाचों का समय होता है. 

  • निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना सबसे शुभ माना गया है. 

  • मान्यता है कि निशीथ काल में शिव पूजा करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

  • निशीथ काल में ध्यान करने से आध्यात्मिक शांति मिलती है. 

  • निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने से अनंत पुष्यफल मिलता है. 

  • निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने से भक्त की सर्वोच्च आध्यात्मिक अवस्था तक पहुंचने में मदद मिलती है. 

  • निशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.